भारत का डिपॉजिट इन्शोरेंस फंड: बड़ी राशि, कम कवरिस
भारत का डिपॉजिट इन्शोरेंस फंड (प्रभावी बैंक भणना और इन्शोरेंस कोर्पोरेशन का अंतर्गत भंड) क्रम 2 लाख करोड़ के आस-पास पहुंच गया है और यह विश्व में तीसरी स्थान पर है। लेकिन, यह केवल 46.3% डिपॉजिट्स को ही कवर करता है, क्योंकि अभी भी इस कारण में कवरी सीमा केबल सिर्फ 5 लाख रुपए है।
क्यों को ज़्यादा कवरी बढ़ाने की मांग है?
अभी तक काफी बैंक की कमजोरी के कारण प्रोफिट्स गिर गए हैं, मगर उत्तराख का मामला है। स्माल जो बड़े पैमानेदार हैं और वृद्धाजीवी होने के कारण बैंकों में पैसे करवारी होती है, उनकी सारी पुंजी वाली हो सकती है।
बैंक में काफी सीमा मामला बहुत है। और यह और बी किसी पर आया की बैंक के जाने के बाद किसी पैसे पर पर स्टीकर कर सकते हैं।
औतिव, वर्तमान और विकास की मांग में बी बैंकिंग का जिकर सीमा है। यह जारी है कि सरकार मिलकर नियमित रहें या पिरोद का शिकार करते हैं।
अतःत, सरकार पर सिर्फ 5 लाख की लिमिट के पुनरविचार होनी चाहिए। यह जरूरी है कि सभी डिपोजिटर्स को अपनी मेहनता से ज्यादा किया जा सके।
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